याहा जो वी रिटर्न आपको दिखेगा वो वित्तीय वर्ष के हिसाब से होगा यानी एक वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से सुरू होता है और 31 मार्च मैं ख़त होता है
तोह जो भी उस साल का रिटर्न होगा वो 31 मार्च तक का होगा
२०१३ एक अंत मैं रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्राइस ३८३ मैं था
२०१३ से २०१४ के बीच शेयर प्राइस बढ़ कर ४६१ हो गयी यानी २०.४% के returns
२०१४ से २०१५ मैं शेयर प्राइस घट कर ४०९ हो गयी यानी -११.१३% का रिटर्न
फिर २०१५ से २०१६ तक प्राइस मैं उछाल आया और ५१८ हो गयी यानी २६.५% का रिटर्न्स
फिर २०१6 से २०१7 तक प्राइस मैं उछाल आया और 634 हो गयी यानी २६.4% का रिटर्न्स
फिर २०१7 से २०१8 तक प्राइस मैं उछाल आया और 874 हो गयी यानी 33.7% का रिटर्न्स
फिर २०१8 से २०१9 तक प्राइस मैं उछाल आया और 1350 हो गयी यानी 54.4% का रिटर्न्स
२०१९ से २०२० मैं फिर गिरावट आयी और प्राइस ११०३ हो गया यानी १८.३% की गिरावट
और २०२०-२०२१ मैं शेयर ने धमाल कर दिया और २००३ पर आ गया यानी ८१.६% का रिटर्न्स
फिर २१-२२ मैं शेयर बढ़ कर २६३५ हो गया यानी ३१.५% का रिटर्न्। तोह आपने देखा कैसे ३८३ का शेयर घटते बढ़ते २६३५ तक पोहच गया तोह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के यही फायदे है
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